मुंबई. ‘किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार….जीना इसी का नाम है’ ये गाना किसी मोटिवेशनल बुक की तरह है. इस गाने को यदि आंख बंद करके ध्यान से सुनेंगे तो समझ पाएंगे कि जिंदगी का असल मकसद क्या है? जिंदगी जीने के लिए क्या ज्यादा जरूरी है? यदि आप कभी तनाव या दिशाहीन महसूस करें तो इस गाने को सुनकर खुद को फिर से रिफ्रेश कर सकते हैं. सॉन्ग ऑफ दि वीक (Song of the week) में ‘अनाड़ी’ (Anari) फिल्म के इसी खूबसूरत नगमे पर बात करते हैं.
16 जनवरी 1959 को ऋषिकेश मुखर्जी फिल्म ‘अनाड़ी’ लेकर आए थे. फिल्म में राजकपूर, नूतन, मोतीलाल और ललिता पवार मुख्य भूमिका में थे. यह कॉमेडी फिल्म एक ईमानदार शख्स के इर्द-गिर्द घुमती है. उस दौर में फिल्म को दर्शकों का अच्छा रिस्पॉन्स मिला था और फिल्म सफल साबित हुई थी.
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राज कपूर और ऋषिकेष दा की थी इच्छा
ऋषिकेष दा की यह फिल्म जिंदगी, ईमानदारी और प्यार का मैसेज देती है. ऐसे में जब फिल्म बन रही थी तो ऋषिकेश दा चाहते थे कि फिल्म में एक ऐसा गाना हो जो जिंदगी के असल मकसद को बयां करें. दूसरी तरफ, राज कपूर भी हमेशा जिंदगी के सकारात्मक पहलुओं को दिखान के पक्ष में रहे हैं. ऋषिकेश दा और राज कपूर ने यह जिम्मेदारी कवि शैलेन्द्र को दी. शैलेन्द्र ने दोनों के दिल की बात को समझते हुए जिंदगी जीने के तरीके पर अपनी कलम चलाई. बस, फिर क्या था उन्होंने ऐसे तराना बुना कि वह लोगों के लिए मोटिवेशनल सॉन्ग बन गया.
शैलेन्द्र के लिखे इस खूबसूरत गीत को जब मुकेश ने आवाज दी तो यह लोगों के दिलों में उतर गया. फिल्म ना सिर्फ उस दौर में हिट रहा बल्कि आज भी यह गीत दिलों को छूता है. यहां तक कि इस गीत के बोल के इस्तेमाल करके सोशल मीडिया पर कोट्स भी डाले जाते हैं.
माना अपनी जेब से फकीर हैं, फिर भी यारों दिल के हम अमीर हैं,
मिटे जो प्यार के लिए वो जिंदगी, जले बहार के लिए वो जिंदगी,
किसी को हो न हो हमें तो ऐतबार, जीना इसी का नाम है…
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Tags: Hrishikesh Mukherjee, Mukesh, Raj kapoor, Song
FIRST PUBLISHED : February 19, 2023, 07:00 IST