दहशत का दूसरा नाम था रामी रेड्डी, हीरोइनें भी जाती थीं डर, आखिरी दिनों में ‘कर्नल चिकारा’ की बदल गई थी सूरत-Newsaffair.in


नई दिल्ली. एक्टर रामी रेड्डी (Rami Reddy) ने पर्दे पर विलेन के किरदार को हमेशा से ही काफी प्रभावशाली तरीके से निभाया है. जिन फिल्मों में उन्होंने काम किया है, उन फिल्मों में दर्शक हीरो को ही भूल केवल उन्हीं के किरदार ही अपने जेहन में बसा लिया. कई बार ऐसा हुआ जब पर्दे पर रामी की हंसी और डरावनी आंखें देख थियेटर में लोगों की चीखें निकल जाया करती थी. रील से हटकर रियल लाइफ में लोग रामी को देख डर जाया करते थे. हालांकि वक्त एक जैसा नहीं होता, रामी ने भी अपनी लाइफ काफी कुछ सहा है. कहा जाता है कि अपने निधन से पहले रामी हड्डियों का ढांचा बन कर रह गए थे. हाथी जैसा शरीर उनका सुख कर कांटा बन गया था. उनकी मौत काफी दर्दनाक रही है. चलिए जानते हैं रामी रेड्डी के बारे में कुछ खास और अनकही बातों के बारे में…

रामी रेड्डी का पूरा नाम गंगासामी रामी रेड्डी था. 1 जनवरी साल 1959 में आंध्र प्रदेश के वाल्मीकिपुरम गांव में जन्में रामी रेड्डी ने हैदराबाद की उस्मानिया यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की और जर्नलिज्म की डिग्री ली थी. उन्होंने कई सालों तक मीडिया में काम करने के बाद फिल्मों में काम करना शुरू किया था. आपको जानकर हैरानी होगी कि 80 से 90 दशक एक विलेन के रोल के लिए रामी काफी पसंद किये जाते हैं. उनका बोलबाला हिंदी सिनेमा से लेकर साउथ की फिल्मों में खूब करता था.

70- 80 के फेमस विलेन
70- 80 के दशक में रामी अपने किरदार में ढलने के लिए अपने पर्सनालिटी पर खूब मेहनत करते थे. हां भले उन दिनों सिक्स पैक एब्स का थोड़ा कम चलन था लेकिन एक हैवान सा आदमी अपनी हरकतों से हीरों और हिरोइनों पर हावी रहता था. ऐसा ही किरदार अक्सर डायरेक्टर ढूंढ़ा करते थे. ऐसे में रामी रेड्डी बिलकुल फिट आदमी थे. उन्होंने अपने पहली ही फिल्म से साबित कर दिया कि वो कितने उम्दा एक्टर हैं.

Rami Reddy

डरावनी शक्ल और हंसी से चिखने लगे थे लोग
बता दें कि रामी रेड्डी साल 1989 में तेलगु एक्शन फिल्म ‘अंकुशम’ ही पहली बार खलनायक बने थे. फिल्म में नाम था ‘स्पॉट नागा’ था. फिल्म तेलगु सुपरस्टार राज शेखर के करियर में जबरदस्त उछाल ला दी थी. फिल्म में दमदार एक्टिंग कर एक तरफ जहां राज शेखर ने लोगों का दिल जीत लिया था. वहीं रामी ने अपने खतरनाक रोल से सभी को डरा दिया था. इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर आग लगा दी थी. रामी के अभिनय को दर्शकों का मन मोह लिया था. उनकी डरावनी शक्ल और अदाकारी की वजह से लोग थिएटर तक खींचे चले आये थे.

Rami Reddy

इन फिल्मों में किया काम
फिल्म से जुड़ी खास बात ये रही है कि इसकी उन दिनों इतनी डिमांड हुई कि यह हिंदी, तमिल और कन्नड़ में रीमेक बना दी गई. यूं तो सभी रीमेक के हीरो बदले लेकिन विलन रामी रेड्डी ही रहे. उनकी अभिनय का जलवा ऐसा था वह सभी रीमेक में काफी शानदार दिखाई दिये. ‘अंकुशम’ के हिंदी रीमेक यानी ‘प्रतिबन्ध’ था. जिसमें रामी ने अन्ना बनकर दहशत मचाई थी.

रामी ने अपने एक्टिंग करियर में कुल 250 फिल्मों में काम किया है. वह ऐलान, दिलवाले, खुद्दार, अंगरक्षक, आंदोलन, हकीकत, अंगारा, रंगबाज, कालिया, लोहा, चांडाल, हत्यारा, गुंडा, दादा, जानवर, कुर्बानियां और क्रोध जैसी फिल्मों में खलनायक बनकर ही सामने आए थे. इसके अलावा, संजय दत्त और गोविंदा की फिल्म ‘आंदोलन’ में बाबा नायक का रोल प्ले कर रामी रेड्डी ने जान डाल दी थी. वहीं सुनील शेट्टी और अक्षय कुमार की फिल्म ‘वक़्त हमारा है में’ कर्नल चिंकारा की भूमिका में रामी रेड्डी हीरो पर ही भारी पड़ गए थे.

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लिवर की बीमारी के चलते हुआ था निधन
आपको बता दें कि आपका फेवरेट विलन आखिरी दिनों में लिवर की बीमारी चलते काफी दिनों तक दर्द में रहा. इस वजह से मौत के पहले वो सिर्फ हड्डियों का ढांचा रह गए थे. कहा जाता है कि आखिरी वक्त में उन्हें कैंसर भी हो गया था. अपने निधन से पहले एक बार जब वो एक तेलुगु अवॉर्ड फंक्शन में पहुंचे थे. उन्हें देख लोग रह गए थे कि ये वही रामी रेड्डी हैं, जो कई फिल्मों में काम कर चुके हैं. उन दिनों काफी कमजोर दुबले-पतले नजर आए थे. इस इवेंट के बाद रामी फिर कभी घर से नहीं निकले. वह धीरे-धीरे वो पब्लिक में जाने से बचने लगे.

Rami Reddy

काफी दिन बीत जाने के बाद 14 अप्रैल साल 2011 को खबर आई की रामी रेड्डी अब नहीं रहे. उनकी सिकंदराबाद के एक प्राइवेट अस्पताल में मौत हो गई. रामी भले ही हमारे बीच में नहीं है लेकिन वो आज शानदार एक्टिंग से दर्शकों के दिलों पर राज करते हैं.

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