मुंबई. बॉलीवुड के दिग्गज डायरेक्टर प्रकाश मेहरा को फैन्स और मीडिया ने अमिताभ बच्चन के गॉडफादर का टाइटल दिया है. प्रकाश मेहरा ने अमिताभ बच्चन को रातों-रात स्टार बना दिया था. अपनी जिंदगी में कई शानदार फिल्में देने वाले प्रकाश मेहरा की जिंदगी भी किसी फिल्म से कम नहीं रही. बचपन में मां-पिता का साया सिर से उठ गया और यतीम प्रकाश मेहरा अपने नाना की तिजोरी से 13 रुपये चुराकर 15 साल की उम्र में मुंबई आए थे.
इसके बाद शुरू हुआ संघर्ष का सफर सफलता के शिखर पर खत्म हुआ. प्रकाश मेहरा ने जंजीर समेत कई शानदार फिल्मों के ना केवल बेहतरीन कहानियां दीं बल्कि इस इंडस्ट्री का चेहरा बदल दिया. अपने करियर में संकट से जूझ रहे अमिताभ बच्चन को भी स्टार बनाने में प्रकाश मेहरा का बड़ा हाथ बताया जाता है. हालांकि प्रकाश मेहरा बड़ी ही विनम्रता से इस बात से इंकार कर देते हैं. उनका कहना था कि जिसमें जितना टेलेंट था उसने उतनी शौहरत पाई.
बचपन में उठ गया मां-पिता का साया
13 जुलाई 1939 में उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में जन्मे प्रकाश मेहरा जब 6 साल के थे तो उनकी मां का निधन हो गया. इसके ठीक 2 साल बाद प्रकाश के पिता भी चल बसे. अपने नाना के यहां रह रहे नन्हे प्रकाश की पढ़ाई भी 5वीं कक्षा के बाद रुक गई. लेकिन जहन में सपनों की छटपटाहट लिए प्रकाश मेहरा 15 साल की उम्र में घर से भाग निकले. नाना की तिजोरी से 13 रुपये चुराकर मुंबई आ गए प्रकाश मेहरा का संघर्ष शुरू हुआ. शुरुआत में प्लेटफॉर्म पर भूखे पेट कई रातें काटीं और फिर नाई की दुकान में काम कर पेट पालने लगे. इसके बाद किस्मत ने दरवाजा खटखटाया और प्रोडक्शन में चाय देने का काम मिल गया. स्टूडियो में स्टार्स को चाय बांटते हुए प्रकाश मेहरा के भी सपने जाग गए. इसके बाद यहां खूब मेहनत से काम किया और धीरे-धीरे आगे बढ़ते गए.
पहली ही फिल्म से मचा दी धूम
प्रकाश मेहरा ने प्रोडक्शन की बारीकियां सीखते हुए साल 1968 में फिल्म बनाई ‘हसीना मान जाएगी’. ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर तो सुपरहिट रही है साथ ही प्रकाश का करियर भी चल निकला. इसके बाद प्रकाश मेहरा ने 1971 में मेला फिल्म बनाई. यह फिल्म सिल्बर जुबली बन गई. इसके बाद प्रकाश का मेहरा का नाम इंडस्ट्री की जुबान पर चढ़ गया. 1972 में समधी नाम की फिल्म भी सुपरहिट रही. इस फिल्म धर्मेंद्र, जया भादुड़ी और आशा पारेख ने लीड रोल किए थे. 70 के दशक में शानदार फिल्में बनाकर खूब नाम कमाने वाले प्रकाश मेहरा की जिंदगी में अमिताभ बच्चन की एंट्री हुई. और दोनों की जोड़ी ने ना केवल बेहतरीन फिल्में दी बल्कि इंडस्ट्री का चेहरा बदल दिया.
अमिताभ बच्चन को रातों-रात बनाया सुपरस्टार
70 के दशक में अमिताभ बच्चन अपने करियर में सफलता खोजने की जद्दोजहद कर रहे थे. इसी दौरान प्रकाश मेहरा की मुलाकात अमिताभ बच्चन से हुई. दोनों ने मिलकर एक फिल्म जंजीर बनाई. 1973 में रिलीज हुई इस फिल्म में अमिताभ बच्चन की जगह धर्मेंद्र की कास्टिंग की जानी थी. लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. फिल्म अमिताभ बच्चन के साथ बनकर तैयार हुई और रिलीज के लिए निकाली गई.
जब फिल्म का प्रीमियर हुआ तो डिस्ट्रीब्यूटर ने फिल्म को खरीदने से मना कर दिया. इसके बाद प्रकाश मेहरा ने अपनी पत्नी की ज्वैलरी बेचकर फिल्म अपनी रिस्क पर रिलीज कराई. रिलीज के कई दिनों तक थियेटर्स में दर्शकों की दस्तक नहीं हुई. इस असफलता से निराश प्रकाश मेहरा आर्थिक तौर पर भी कंगाल हो चुके थे. उदास होकर प्रकाश एक दिन अपने घर बैठे थे तभी उनके ऑफिस की घंटी बजी. फोन कोलकाता से था. यहां थियेटर्स में दर्शकों की लंबी लाइनों के बारे में जानकारी मिली. इसके बाद यह फिल्म सुपरहिट हो गई. साथ ही इस फिल्म के बाद अमिताभ बच्चन का करियर भी बुलंदियों की नई ऊंचाइंयां छूने लगा. प्रकाश मेहरा को अमिताभ बच्चन का गॉडफादर भी कहा गया. करियर में कई बेहतरीन फिल्में देने वाले प्रकाश मेहरा का 17 मई 2009 में मुंबई में निधन हो गया.
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Tags: Amitabh Bachachan, Bollywood news
FIRST PUBLISHED : March 01, 2023, 17:30 IST