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छोटे कारोबारियों के लिए गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थानों के जरिए कर्ज की व्यवस्था आसान बनाने के मकसद से सरकार बजट के दौरान ट्रैड रिसीवेबल्स डेस्काउंटिंग सिस्टम को और प्रभावी बनाने का ऐलान कर सकती है। हिन्दुस्तान को मिली जानकारी के मुताबिक पिछले बजट में इस बारे में प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन अभी तक ये कानूनी रूप नहीं ले सका है।
यह एक ऐसा पोर्टल है, जिसमें खरीदार और विक्रेता का रजिस्ट्रेशन जरूरी होता है और जैसे ही किसी कारोबारी को नया ऑर्डर मिलता है उसके एवज में गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थानों यानी एनबीएफसी के जरिए उस रकम के मुताबिक कर्ज मिलना आसान हो जाता है। इस पोर्टल पर रजिस्टर्ड छोटे और मझोले कारोबारियों को 48 घंटे के अंदर आर्डर के एवज में कर्ज देने की व्यवस्था होती है। इस नई व्यवस्था में अधूरे नए या फिर बिना क्रेडिट हिस्ट्री वाले छोटे कारोबारियों के लिए भी कर्ज की व्यवस्था का प्रावधान किया जाना है। मौजूदा समय में बिना क्रेडिट हिस्ट्री वाले कारोबारियों को कर्ज देने में एनबीएफसी के साथ साथ बैंक भी आना कानी करते हैं। पोर्टल के आजाने से ये मुश्किल दूर होने की उम्मीद है।
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अभी केवल एनबीएफसी फैक्टर यानी बड़े एनबीएफसी को ही पोर्टल के जरिए इस तरह से कर्ज देने की इजाजत है। सरकार बजट सत्र में फैक्टरिंग रेग्युलेशन एक्ट में बदलाव करते हुए इसका दायरा बढ़ाएगी ताकि ज्यादा से ज्यादा कारोबारियों को आसानी से ऑर्डर के आधार पर कर्ज मिल जाया करे। यही नहीं सरकार सभी तरह के सरकारी खरीद करने वालों के लिए पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन आनिवार्य करेगी ताकि उनके लिए सप्लाई करने वालों को कर्ज की दिक्कत न हो।