हाइलाइट्स
1984 में दो इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स ने कनाडा में शुरू की थी कंपनी.
1996 में पहली बार कंपनी दो साइड का पेजर बनाया था.
2016 में ब्लैकबैरी को टीसीएल ने खरीद लिया.
नई दिल्ली. ब्लैकबैरी, ये नाम सामने आते ही एक ऐसे फोन की तस्वीर उभरती है जो रईसों की पहचान थी. बाद में युवाओं में इसका क्रेज ऐसा दिखा कि हर किसी के हाथ में ब्लैकबैरी ही दिखने लगा. ब्लैक बैरी की मैसेंजर सर्विस बीबी पिन तो वॉट्सएप से पहले ही ऐसी पॉपुलर हुई कि लोगों के लिए वो मैसेजिंग का वरदान बन कर सामने आई. स्मार्टफोन के मार्केट में ब्लैकबैरी का एकछत्र राज था लेकिन अचानक ऐसा क्या हुआ कि कंपनी की सेल एक ही साल में औंधे मुंह गिर गई. हालात ये हो गए कि कंपनी दिवालिया होने लगी और आखिरकार बिक गई. और ये सब हुआ केवल 6 साल के अंदर. फिर फोन की मैन्युफैक्चरिंग ही बंद हो गई. अब ब्लैकबैरी फिर आएगा या नहीं किसी को नहीं पता. इसके पीछे क्या कारण था, कुछ नया न करना, मार्केट के कंपीटीशन को इग्नोर करना या फिर कुछ और. आइये जानते हैं विश्व की सबसे बड़ी मोबाइल कंपनी के पतन की कहानी.
ब्लैकबैरी की शुरुआत हुई कनाडा में. यहां पर 1984 में दो इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स माइक लजारिडिस और डगलस फ्रेगिन ने रिसर्च इन मोशन (RIM) की स्थापना की. ये कंपनी पहले जीएम के लिए एलईडी, आईबीएम के लिए लोकल नेटवर्किंग और फिल्म एडिटिंग का काम किया करती थी. 1989 में रिम ने पहली बार मोबिटेक्स के लिए एक नेटवर्क सिस्टम डिजाइन किया. ये सिस्टम मैसेजिंग से जुड़ा था और यहीं से पड़ी मोबाइल नेटवर्क की ओर जाने वाली पहली सीढ़ी.
पेजर ने मचाई धूम
1996 में रिम ने अपना पहला पेजर बाजार में उतारा. ये दो तरफा पेजर था और इसे लोगों ने काफी पसंद किया. इसको वाई फाई, क्विक मैसेज और वेब ब्राउजिंग से जोड़ा गया. लोगों के लिए ये बेहतरीन और पहला अनुभव था. पेजर की दुनिया पर रिम छा गया.
फिर आया पहला फोन
रिम ने 2002 में अपना पहला फोन पेश किया. इसको इंप्रूव करते हुए 2006 में रिम ने इसमें ट्रैकबॉल को जोड़ा. ये एक यूनीक फीचर था और इस ट्रैकबॉल से यूजर फोन की स्क्रीन पर चारों तरफ आसानी से स्क्रॉल कर सकते थे. ये ईमेल, टैक्स्ट मैसेज और वेब ब्राउजिंग फोन से करने को लेकर एक क्रांति ले आया. ब्लैकबैरी का सिंपल डिजाइन और यूजर फ्रैंडली इंटरफेस को लोगों ने हाथों हाथ लिया.
अब आया बीबीएम
ब्लैकबैरी ने इसी के साथ अपनी मैसेजिंग सर्विस बीबीएम को इंट्रोड्यूस किया. अब ये क्रांति इतनी बढ़ गई थी कि कोई भी मोबाइल कंपनी या नेटवर्क ब्लैकबैरी को नहीं पछाड़ पा रहा था. बीबीएम सर्विस का उपयोग केवल ब्लैकबैरी यूजर्स आपसे में कर सकते थे. लोगों को बीबीएम की आदत हो गई थी और इस बात का पूरा फायदा ब्लैकबैरी को हुआ. लोगों के हाथों में न एप्पल था, न सैमसंग और न ही मोटोरोला अब केवल ब्लैकबैरी का जमाना था.
आईफोन ने बनानी शुरू की पकड़
ये वो दौर था जब आईफोन बाजार में आ चुका था और लोगों के लिए अपनी तरह की ये नई डिवाइस थी. ये एक फुल टच स्क्रीन फोन था और ब्लैकबैरी अभी भी कीपैड का इस्तेमाल कर रहा था. हालांकि ब्लैकबैरी ने आईफोन को कंपीटीशन के तौर पर नहीं देखा और शायद ये उसकी गलती भी थी. रिम ने इसी दौरान 2008 में ब्लैकबैरी फ्लिपफोन लॉन्च किया और इसके थोड़े ही दिन बाद टच स्क्रीन वाला स्ट्रॉम मॉडल. ये कहीं न कहीं बता रहा था कि आईफोन की दस्तक ने ब्लैकबैरी के मन में कुछ डर जरूर पैदा किया था. स्टॉर्म के लॉन्च होने के बाद ब्लैकबैरी को झटका लगा. क्योंकि जिस कंपनी के फोन को लोग कमियों के साथ भी पसंद कर रहे थे उसी कंपनी के स्ट्रॉम को लोगों ने नकारना शुरू कर दिया. इसमें कई कमियां बताई गईं. लेकिन फिर भी ब्लैकबैरी की सेल पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ा, कारण था आईफोन का हद से ज्यादा महंगा होना.
अब शुरू हुआ अंत का सफर
2010 में एप्पल ने आईफोन 4 लॉन्च किया और ये ब्लैकबैरी के अंत की शुरुआत थी. इसके लॉन्च होने के साथ ही पहली बार एप्पल ने ब्लैकबैरी को सेल में पछाड़ दिया. इसके साथ बद रिम को झटके पर झटके लगते रहे. वैश्विक बजार में रिम की हिस्सेदारी 2009 में 20 प्रतिशत रह गई और 2012 आते आते ये 5 प्रतिशत से भी कम हो गई.
जब जागे तो हो चुकी थी देर
अब रिम को तड़प रहा था और इसी तड़प का नतीजा रहा कि रिम ने अपना आधिकारिक नाम ब्लैकबैरी रख कर 2013 में स्पेशल टच स्क्रीन फोन लॉन्च किया. कंपनी को यकीन था कि उसके ट्रैडिशनल बायर्स लौटेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ एप्पल और एंड्रॉयड का दौर आ चुका था. 2016 तक हालात इस कदर बिगड़े की रिम की वैश्विक बाजार में आधिकारिक हिस्सेदारी शून्य हो गई.
और फिर बिक गई कंपनी
रिम या कहें ब्लैकबैरी का दिवाला निकल गया था, कंपनी के हालात खराब थे. इसी दौरान चीनी कंपनी टीसीएल ने ब्लैकबैरी फोन ब्रांड को खरीद किया. कंपनी ने इसके बाद ब्लैकबैरी फोन और की 2 डिवाइस को 2018 में लॉन्च किया लेकिन कुछ न हो सका. लोग आगे बढ़ चुके थे. 2019 में लोगों को इंतजार था कि कोई नया फोन लाकर ब्लैकबैरी वापसी कर सकता है लेकिन ऐसा नहीं हुआ. एक कंपनी जिसने लोगों को मैसेजिंग सर्विस से रूबरू करवाया अब उसका पतन हो चुका था. अब ब्लैकबैरी का कोई फोन आएगा या नहीं ये किसी को नहीं पता. हां कुछ ब्लैकबैरी चाहने वाले आज भी इसका इंतजार जरूर कर रहे हैं.
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Tags: Mobile Phone, Smartphone, Tech news
FIRST PUBLISHED : February 16, 2023, 18:27 IST