नई दिल्ली. RBI ने जैसे ही यस बैंक को अपनी निगरानी में रखकर उस पर सख्त कार्रवाई वैसे ही बैंक के शेयर में तेज गिरावट आ गई. एक दिन में ही शेयर 80 फीसदी गिरकर 5.5 रुपये के निचले भाव तक आ गया है. लेकिन, सरकार की ओर से यस बैंक को पटरी पर लाने के नए प्लान की घोषणा के बाद शेयर में तेजी का दौर जारी है. जहां भारतीय शेयर बाजार 25 फीसदी से ज्यादा टूट गए हैं. वहीं, 8 बैंकों की ओर से Yes Bank में पैसा लगाने की खबरों के चलते बैंक का शेयर 1000 फीसदी चढ़ गया है. इस लिहाज से देखें को शेयर में 10 हजार रुपये की रकम बढ़कर 1 लाख रुपये हो गई.
7 दिन में मिला 1000 फीसदी का रिटर्न
>> एसकोर्ट सिक्योरिटी के रिसर्च हेड आसिफ इकबाल ने न्यूज18 हिंदी को बताया कि 6 मार्च 2020 को यस बैंक का शेयर गिरकर 5.5 रुपये के भाव पर आ गया था. वहीं, मंगलवार यानी 17 मार्च को शेयर बढ़कर 63 रुपये के भाव पर पहुंच गया.
>> अगर किसी निवेशक ने इस शेयर में 10 हजार रुपये लगाए होते तो उसे करीब 1819 शेयर मिलते. जिनकी कीमत अब 1 लाख रुपये से ज्यादा है. निवेशकों के पास अभी भी खरीदारी का अच्छा मौका है.
>> लेकिन नई स्कीम के तहत इस बैंक के 100 से अधिक शेयर रखने वाले निवेशक अपनी 25 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी नहीं बेच सकते. उनकी 75 फीसदी हिस्सेदारी लॉक-इन के दायरे में आएगी.
>> तीन साल के बाद ही वे अपने कुल शेयर बेच सकेंगे. दिसंबर तिमाही के अंत तक इस निजी बैंक में रिटेल निवेशकों के पास 48 फीसदी की हिस्सेदारी थी.
छोटे निवेशकों ने जमकर लगाया पैसा- रिटेल निवेशकों ने इस बैंक में हिस्सेदारी लगातार बढ़ाई है. जून तिमाही में यह 8.8 फीसदी पर थी, जो सितंबर तिमाही में 29.9 फीसदी हो गई. मगर म्यूचुअल फंडों और संस्थागत निवेशकों ने अपनी हिस्सेदारी को क्रमश: 11.6 फीसदी और 42.5 फीसदी से घटाकर 5.1 फीसदी और 15.2 फीसदी कर दिया.
यस बैंक की RTGS सेवा बहाल
अब क्या करें- वीएम पोर्टफोलियो के रिसर्च हेड विवेक मित्तल का कहना है कि अभूतपूर्व परिस्थितियों के लिए अभूतपूर्व कदम उठाने पड़ते हैं. यस बैंक पर बड़े पैमाने पर सट्टा लगाया जा रहा था. माना जा रहा था कि यह बैंक पूरी तरह खत्म हो जाएगा. यह निफ्टी से भी बाहर निकलने वाला है.
>> यस बैंक के डिपोजिटर्स को बचाने के लिए योजना है और सुनिश्चित किया जा रहा है कि लॉन्गटर्म में ज्यादा असर न पडे़. इसके लिए सरकार एसबीआई और अन्य निवेशकों के फंड को तीन साल के लिए लॉक-इन कर रही है. यह रिटेल निवेशकों पर भी लागू होगा. लॉक-इन सरकार और नियामक द्वारा उठाया गया एक अच्छा और उचित कदम है.
>> एक अन्य एक्सपर्ट का कहना है कि यह एक हैरतअंगेज स्कीम है. इसे मौजूदा शेयरधारकों पर लागू किया जा रहा है. वे अपने शेयर नहीं बेच सकते. ऐसे नियमों के लिए काफी स्पष्टीकरण देना पड़ सकता है.
>> सरकारी बैकं भारतीय स्टेट बैंक इस बैंक को बचाने के लिए आगे आया. इसका साथ आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक के अलावा राधाकिशन दमानी, राकेश झुनझुनवाला और अजीम प्रेमजी ट्रस्ट ने भी दिया. सब मिलकर इसमें 12,000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे.
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Tags: Business news in hindi, RBI, RBI Governor, Yes Bank
FIRST PUBLISHED : March 17, 2020, 11:49 IST